ये हैं रामायण के सबूत इन्हें देख आप भी मान जाएंगे रामायण सच है
ये हैं रामायण के सबूत इन्हें देख आप भी मान जाएंगे रामायण सच है, देखें तस्वीरें
नमस्कार दोस्तों हमारे भारत में रामायण को एक ऐसा ग्रन्थ माना जाता है जिससे आज भी हिन्द देश में करोड़ों लोगों की आस्था जुडी हुई है। लेकिन आप को बता दें की बीते कुछ वर्षों में दुनिया इतनी तेजी से विकसित हुई है की आज की युवा पीढ़ी रामायण को सिर्फ एक हस्त लिखित कहानी मानती है। लेकिन आज अपनी इस पोस्ट में हम रामायण के वह सबूत दिखाने जा रहे हैं, जिसे देख कर शायद आप भी रामायण से अपने संदेह को दूर कर उस पर भरोसा करने लगेंगे।
लंकापति रावण की लंका
अशोक वाटिका
सीता का हरण करने के बाद रावण ने सीता को जिस अशोक वाटिका में रखा था। वह वाटिका आज भी हक्गाला राक फॉर्म में मौजूद है। यहाँ सीता माता के नाम का एक मंदिर भी स्थित है। जो रामायण काल का बना हुआ माना जाता है।
हिमालय की जड़ी बूटियां
आप को रामायण से ज्ञात हो की लक्ष्मण जी को जब बाण लगा था। तब हनुमान जी स्वयं हिमालय पर्वत से संजीवनी बूटी के पर्वत का एक टुकड़ा लेकर आए थे। तब जाकर लक्ष्मण जी के प्राण बचाए गए थे। आपको बता दें की यह पुरे श्रीलंका में एक लोती जगह है जहाँ हिमालय पर्वत के जैसी जड़ी बूटियां आज भी पाई जाती हैं। जो इस बात की भी पुष्टि करती है की यह हनुमान जी के द्वारा यहाँ ले गई थी।
तैरते पत्थर
रामायण कथा के अनुसार लंका पहुंचने के लिए नल और निल ने अपने हाथों से जिस सेतु पुल का निर्माण किया था। वह आज भी यहाँ मौजूद है, जिसके पत्थर आज भी नहीं डूबते। यह एक लौता पुल है जो श्रीलंका और भारत को जोड़ता है।