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Showing posts from September, 2017

जो मर्द रात को पीते हैं दूध, उनकी बॉडी पर होते हैं ये 9 असर ! By www.aajtak2.blogspot.com

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  Sign in Home Bollywood Entertainment Fashion Featured Humour News जो मर्द रात को पीते हैं दूध, उनकी बॉडी पर होते हैं ये 9 असर ! By  www.aajtak2.blogspot.com 136         दूध एक कम्प्लीट फूड माना जाता है। इसमें ढेरों विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो हर उम्र के व्यक्ति के लिए फायदेमंद होते हैं।मुम्बई के नानवटी हॉस्पिटल की चीफ डाइटीशियन ऊषा किरण सिसोदिया का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ बच्चों और महिलाओं को ही दूध पीना चाहिए। पुरुषों के लिए भी दूध पीना उतना ही जरूरी है। पुरुष क्यों पिएं दूध? ऊषा किरण सिसोदिया का कहना है कि पुरुषों को अपनी हड्डियां ,  बालों और मसल्स को स्ट्रान्ग रखने के लिए रेग्युलर दूध पीना चाहिए। दूध उन्हें कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचाने में भी हेल्पफुल होता है। पुरुषों के लिए कितना फायदेमंद है दूध? दूध में पाया जाने वाला ट्रिप्टोफेन नामक अमीनो एसिड दिमाग को शांत करके अच्छी नींद लाने में हेल्प करता है। दूध में मौजूद पानी डाइजेस्टिव ट्रेक्ट की सफाई करके

वेट लॉस के लिए बाबा रामदेव ने बताए हैं ये असरदार नुस्खे !

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  Sign in Home Bollywood Entertainment Fashion Featured Humour News वेट लॉस के लिए बाबा रामदेव ने बताए हैं ये असरदार नुस्खे ! By  www.aajtak2.blogspot.com 0 20         मोटापा दुनिया के दूसरे देशों के अलावा अब भारत में भी सबसे बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स में से एक हो गया है। मोटापा अपने आप में तो परेशानी का कारण है ही ,  इसके कारण डायबिटीज ,  हार्ट डिजीज ,  हाई  BP,  स्ट्रोक ,  इन्फर्टिलिटी जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं जो सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं  ! मोटापा घटाने के लिए योग और एक्सरसाइज के साथ ही सही डाइट और आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों का कॉम्बिनेशन काफी इफेक्टिव माना जाता है। योग गुरु बाबा रामदेव भी तेजी से वजन घटाने के लिए इन्हीं चीजों की सलाह देते हैं। अपने कई कार्यक्रमों और अपनी वेबसाइट पर स्वामी रामदेव ने मोटापा कम करने के लिए कुछ योगासनों और आयुर्वेदिक दवाओं को लेने की सलाह दी है। इसे हम सरल तरीके से आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। तेजी से मोटापा घटाने के 10

क्या आप सुलझा सकते हैं इस फोटो की पहेली?

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क्या आप सुलझा सकते हैं इस फोटो की पहेली? क्या आप सुलझा सकते हैं इस फोटो की पहेली? यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और इसने सबके दिमाग की बत्ती गुल कर दी है। क्यों? क्लिक करें... किसी को समझ नहीं आ रहा कि लड़के और लड़की के पैरों में अंतर कहां से शुरू हो रहा है, यह लड़की की केप्री है या लड़के का बरमूडा, या फिर दोनों के कपड़ों का थोड़ा-थोड़ा हिस्सा मिलकर यह इलूजन क्रिएट कर रहे हैं। वैसे, इस तस्वीर का एक हल यह हो सकता है। इसके मुताबिक यह लड़के का बरमूडा है, जिसने लड़की का कमर से लेकर घुटनों से थोड़ा नीचे तक का हिस्सा कवर कर रखा है। और जहां बरमूडा खत्म हो रहा है, वहां से लड़की के पैर दिखने शुरू हो गए हैं। आपका क्या कहना है? शेयर करके बताएं।

3000 सालों से पृथ्वी पर भटक रहा है यह इंसान, ये है मकसद

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3000 सालों से पृथ्वी पर भटक रहा है यह इंसान, ये है मकसद Follow us on:-  www.aajtak2.blogspot.com  एक इंसान ज्यादा से ज्यादा 100 से 120 साल तक जी सकता है। लेकिन आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं वह 3000 सालों से जिंदा है और धरती पर भटक भी रहा है।  भारत एक मात्र ऐसा देश है, जिसके इतिहास में इंसान के चिरंजीव होने की बात लिखी और उनके जीवित होने के प्रमाण भी मिलते हैं। इंसान के रूप में कई देवता और भगवान का जन्म भी हुआ है, जिनमे से कुछ इंसान  और देवता को  धर्म की रक्षा के लिए धरती पर ही रुकना पड़ा। एक ऐसा ही इन्सान है जो लगभग 3000 वर्ष से धरती पर अलग अलग रूप धारण कर भटक रहा है। तो आइये जानते है कौन है यह प्राणी और क्यों भटक रहा है यह इंसान लगभग 3000 वर्षों से अलग अलग रूप धारण कर अलग अलग जगहों पर भटक रहा है। इस इंसान को कई लोगो ने देखने की बात कही है और यह एक बड़े धर्म युद्ध के लिए जिन्दा है कहा जाता है। मान्यता अनुसार यह इंसान महाभारत काल से जीवित है और इसको चिरंजीव होने का वरदान नहीं बल्कि श्राप मिला है। इस इंसान ने महाभारत युद्ध में अधर्म और छल  किया

किले के तहखानों में छिपा है सिंधिया का खजाना, 'बीजक' है इस 'गंगाजली' की चाबी Follow us on:- www.aajtak2.blogspot.com

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किले के तहखानों में छिपा है सिंधिया का खजाना, 'बीजक' है इस 'गंगाजली' की चाबी Follow us on:-  www.aajtak2.blogspot.com ग्वालियर। 30 सितंबर को स्व. माधवराव सिंधिया की डेथ एनिवर्सरी मनाई जा रही है। इस अवसर पर www.aajtak2.blogspot.com  आपको सिंधिया वंश के उस खजाने के बारे में बताया जा रहा है, जिसे 'गंगाजली' के नाम से जाना जाता है। ये खजाना आज भी ग्वालियर किले के तहखानों में दबा हुआ है। क्या है इस खजाने की कहानी... ‘गंगाजली’ तक पहुंचने के लिए जरूरी था ‘बीजक’ -इस खजाने को  सिंधिया महाराजाओं ने किले के कई तहखानों में सुरक्षित रखवा दिया था।  -इन तहखानों को ‘गंगाजली’ नाम दिया गया था।  -यहां तक पहुंचने के रास्तों का रहस्य कोड वर्ड के तौर पर ‘बीजक’ में महफूज रखा गया।  -जयाजीराव ने 1857 के संघर्ष के दौरान बड़ी मुश्किल से पूर्वजों के इस खजाने को विद्रोहियों और अंग्रेज फौज से बचा कर रखा। सिर्फ महाराजा जयाजीराव को मालूम था ‘बीजक’ का रहस्य -‘बीजक’ का रहस्य सिर्फ महाराजा जानते थे।  -1857 के गदर के दौरान महाराज जयाजीराव सिंधिया को यह चिंता हुई क

इस किले के नीचे दबा है खजाना!

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इस किले के नीचे दबा है खजाना! पंडित ओम तिवारी। Follow us on:- www.aajtak2.blogspot.com KATNI, MADHYA PRADESH, INDIA खजाने के लालच में  खोद डाली धरोहर, राजा प्रयागदास द्वारा बनवाए गए विजयराघवगढ़ किले के रंगमहल के नीचे खजाना दबा है। इसके अलावा किले में निर्मित सात दरवाजों वाली बावड़ी में सोना रखा हुआ है। राजायागदास द्वारा बनवाए गए विजयराघवगढ़ किले के रंगमहल के नीचे खजाना दबा है। इसके अलावा किले में निर्मित सात दरवाजों वाली बावड़ी में सोना रखा हुआ है। बुजुर्गों की मानें तो सभागार मुडिय़ा महल के सामने जो कुंड बना है उसमें सोने चांदी की मुद्रा व स्वर्ण रजत आभूषणों का भंडार है। बताया जाता है कि खजाने तक पहुंचने के गुप्त रास्तों के बारे में राजाओं व उनके अति विश्वस्त परिजनों को ही जानकारी होती थी। यहां हमेशा कड़ी सुरक्षा रखी जाती थी। बहरहाल किले के खजाने को लेकर यहां कई तरह की चर्चाएं हैं। दफीना खोदने वाले लोगों ने कई बार यहां खजाना खोजने का प्रयास किया है। यहां के ऐतिहासिक किला व अन्य पुरातत्व महत्व के प्राचीन स्थलों पर कई बार धन के लालच में खुदाई कर उन्हें नुक

नवरात्रि क्या है? जानिए नवरात्र का वैज्ञानिक-आध्यात्मिक रहस्य

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नवरात्रि क्या है? जानिए नवरात्र का वैज्ञानिक-आध्यात्मिक रहस्य  पं. ओम तिवारी ।     Follow us on:-  www.aajtak2.blogspot.com 'नवरात्र' शब्द से नव अहोरात्रों (विशेष रात्रियों) का बोध होता है। इस समय शक्ति के नवरूपों की उपासना की जाती है। 'रात्रि' शब्द सिद्धि का प्रतीक है। भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक महत्व दिया है इसलिए दीपावली, होलिका, शिवरात्रि और नवरात्र आदि उत्सवों को रात में ही मनाने की परंपरा है। यदि रात्रि का कोई विशेष रहस्य न होता तो ऐसे उत्सवों को 'रात्रि' न कहकर 'दिन' ही कहा जाता लेकिन नवरात्र के दिन, 'नवदिन' नहीं कहे जाते। मनीषियों ने वर्ष में 2 बार नवरात्रों का विधान बनाया है। विक्रम संवत के पहले दिन अर्थात चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) से 9 दिन अर्थात नवमी तक और इसी प्रकार ठीक 6 मास बाद आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से महानवमी अर्थात विजयादशमी के 1 दिन पूर्व तक। परंतु सिद्धि और साधना की दृष्टि से शारदीय नवरात्रों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इन नवरात्रों